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संचित  : भू० कृ० [सं०] १. संचय किया हुआ। इकट्ठा, एकत्र या जमा किया हुआ। २. ढेर के रूप में रखा, लगाया या लाया हुआ (एक्यूमुलेटेड)। ३. संचिका या नत्थी में लगाया हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संचित-कर्म  : पुं० [सं०] १. वैदिक युग में यज्ञ की अग्नि संचित कर लेने पर किया जानेवाला एक विशिष्ट कर्म। २. आज-कल, पूर्व जन्म में किए हुए वह वे सब कर्म जिनका फल इस जन्म में अथवा आनेवाले जन्मों में भोगना पड़ता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संचिति  : स्त्री० [सं० सम्√ चि (रखना)+क्तिन्] १. संचित करने की क्रिया या भाव। संचय। २. तह लगाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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