शब्द का अर्थ
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सधर :
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पुं० [सं० अव्य० स०] ऊपर का ओठ। अधर का विपर्याय। वि० [?] कठोर। कड़ा। उदाहरण—धर धर श्रृंग सधर सुपीन पयोधर।—प्रिथीराज। |
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समानार्थी शब्द-
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सधर्म :
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वि०=सधर्मक। |
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सधर्मक :
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वि० [सं०] १. समान गुण या क्रियावाला। एक ही प्रकार का। २. तुल्य। समान। ३. पुण्यात्मा। ४. सच्चा और सरल। ५. किसी की दृष्टि से उसी के धर्म या सम्प्रदाय का अनुयायी। |
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सधर्मा (र्मन्) :
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वि० [सं० ब० स०] सधर्मक। |
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सधर्मिणी :
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स्त्री० [सं० सहधर्म+इति-सह=स-ङीष्]=सहधर्मिणी (पत्नी)। |
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सधर्मी (मिन्) :
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वि० [सं०] [स्त्री० सधर्मिणी] किसी की दृष्टि से उसी के धर्म का अनुयायी। |
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