शब्द का अर्थ
|
सरद :
|
स्त्री०=शरद ऋतु। वि०=सर्द ठंढा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदई :
|
वि० [हि० सरदा+ई (प्रत्य)] सरदे के रंग का। हरापन लिये पीला। पुं० उक्त प्रकार का रंग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरद-परब (पर्व) :
|
पुं० दे० ‘शरद-पूर्णिमा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदल :
|
पुं० [देश] दरवाजे का बाजू या साह। अव्य०=सरदर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदा :
|
पुं० [फा० सर्द] कश्मीर तथा अफगानिस्तान में होनेवाला खरबूजे की जाति का एक प्रकार का फल जो खरबूजे की अपेक्षा अधिक बड़ा तथा अधिक मीठा होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदाना :
|
अ० [हि० सरदी] सरदी लगने के कारण ठंढा मन्द या शिथिल होना। स० सरदी के प्रभाव से युक्त करके ठंढा या मन्द करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदाबा :
|
पुं० [फा० सर्दाबः] १. ठंढे जल से किया जानेवाला स्नान। २. वह स्थान जहाँ ठंढा करने के लिए पानी रखा जाता हो। ३. जमीन के नीचे बना हुआ कमरा। तहखाना। ४. कब्रिस्तान या समाधिस्थल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदार :
|
पुं० [फा०] १. किसी मंडली का नेता। नायक। अगुआ। नेता। जैसा—मजदूरों या सिपाहियों का सरदार। २. किसी छोटे प्रदेश का प्रधान शासक। ३. अमीर। रईस। ४. सिक्खों के नाम से पहले लगनेवाली एक मान-सूचक उपाधि। जैसा—सरदार योगेन्द्र सिंह। ५. वह जिसका वेश्या से संबंध हो (वेश्याएँ)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदारी :
|
स्त्री० [फा०] सरदार का पद, भाव या स्थिति। सरदारपन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदियाना :
|
अ० [हि० सरदी] १. (जीव का) सरदी लगने से अस्वस्थ होना। २. लाक्षणिक अर्थ में आवेश आदि शान्त होना। ठंढा पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदी :
|
स्त्री० [फा० सर्दी] १. ऋतु या वातावरण की वह स्थिति जिसमें भारी और मोटे कपड़े ओढ़ने-पहनने की आवश्यकता प्रतीत होती है। जाड़ा। शीत। ‘गरमी’ का विपर्याय। मुहावरा—सरदी खाना=ठंढ सहना। शीत सहना। २. जाड़े का मौसम। पूस-माघ के दिन। शीत काल। ३. जुकाम या प्रतिश्याय नामक रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदेशमुखी :
|
स्त्री० [फा० सर=शीर्ष+सं० देश+मुखी] चौथ की तरह का एक प्रकार का राजकर जो मराठा शासन-काल में जनता पर लगता था। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
सरदिंदुमुखी :
|
स्त्री० [सं०] संगीत में, कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |