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सहसा  : अव्य० [सं०] १. इस प्रकार एकदम जल्दी से या ऐसे रूप में जिसकी पहले से आशा या कल्पना न की गई हो। अकस्मात्। अचानक। एकाएक। जैसा—वह सहसा उठकर वहाँ से चला गया। २. बिना विचारे उतावली से। जैसा—सहसा वह भी नदी में कूद पड़े। विशेष—सहसा में मुख्य भाव बिना कुछ सोचे-विचारे शीघ्रतापूर्वक कोई काम कर बैठने का है। जैसा—वह सहसा डरकर चिल्ला पड़ा। अकस्मात् में मुख्य भाव अकल्पित या अतर्कित रूप से कोई बात होने का है। जैसा—अकस्मात् डाकुओं ने आकर गोलियाँ चलानी शुरु कर दी। अचानक भी बहुत कुछ वही है जो अकस्मात् है फिर भी इसमें उग्रता और तीव्रतावाला तत्त्व अपेक्षया कम है। जैसा—अचानक घर में आग लग गई। एकाएक में किसी चलते हुए क्रम में एकदम से कोई नया परिवर्तन होने का प्रधान भाव है। जैसा—एकाएक आँधी चलने लगी, और आकाश में बादल घिर आए।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सहसाक्षि  : पुं०=सहसाक्ष (इंद्र)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सहसाखी  : पुं०=सहस्राक्ष (इंद्र)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सहसानन  : पुं०=सहस्रानन। (शेषनाग)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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