शब्द का अर्थ
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सानना :
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स० [हिं० सानना का स०] १. दो वस्तुओं को आपस में मिलाना विशेषतः चूर्ण आदि का तरल पदार्थ में मिलाकर गीला करना। गूँधना। जैसे—आटा सानना। मसाला सानना। २. मिश्रित करना। मिलाना। ३. लाक्षणिक रूप में, किसी को उत्तरदायी या दोषी हराने के उद्देश्य से कोई ऐसा काम करना या ऐसी बात कहना कि दूसरों की दृष्टि में वह (दूसरा व्यक्ति) भी किसी अपराध या दोष में सम्मिलित जान पड़े। जैसे—आप तो व्यर्थ ही मुझे इस मामले में सानते हैं।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) संयों० क्रि०—डालना।—देना।—लेना। स० [हिं० सान+ना (प्रत्य०)] सान पर चढ़ाकर धार तेज करना। (क्व०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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