शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

सूक्त  : वि० [सं० सु√वच् (कहना)+क्त] उत्तम रूप से या भली भाँति कहाँ हुआ। पुं० १. उत्तम रूप से या भली—भाँति कही हुई बात। अच्छी उक्ति। सूक्ति। २. ऋचाओं या वेद—मंत्रों का विशिष्ट वर्ग या विभाग। जैसे–देवी—सूक्त, श्रीसूक्त आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्तचारी (रिन्)  : वि० [सं० सूक्त√चर् (प्राप्तादि)+णिनि] उत्तम वाक्य या परामर्श माननेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्तदर्शी (र्शिन्)  : पुं० [सं० सूक्त√दुश् (देखना)+णिनि] वह ऋषि जिसने वेदमंत्रों का अर्थ किया हो। मंत्रद्रष्टा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्तद्रष्टा  : पुं० [सं० ष० त०] दे० ‘सूक्त—दर्शी’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्ता  : स्त्री० [सं० सूक्त–टाप्] मैना। सारिका।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्ति  : स्त्री० [सं० प्रा० स०] अच्छे और सुन्दर ढंग से कही हुई कोई बढ़िया बात। अच्छी उक्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सूक्तिक  : पुं० [सं० सूक्ति+कन्] एक प्रकार की झाँझ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ