शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

सोध  : पुं० [सं० सौध] १. महाभारत के अनुसार एक प्राचीन जनपद का नाम। २. राज—प्रसाद (महल)। (डिं०) पुं० =शोध।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधक  : वि०, पुं० =शोधक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधणी  : स्त्री० [सं० शोधनी] झाड़ू। बुहारी। मार्जनी। (डिं०)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधन  : पुं० =सोधन।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधना  : स० [सं० शोधन] १. शुद्ध या साफ करना। सोधन करना। २. शुद्धता की जाँच करने की परीक्षा करना। उदा०–सिय लौं सोधति तिय तनहि लगनि जगनि की ज्वाल।–बिहारी। ३. दोष या बूल दूर करना। ४. तलाश करना। पता लगाना। ढूँढना। उदा०–सोधेउ सकल विश्व मनमाहिं।–तुलसी। ५. अच्ठी तरह गणना या विचार करके अथवा खूब सोच समझकर कोई निर्णय अथवा निश्चय करना या परिणाम निकालना। ६. कुछ संस्तार करके साधुओं में ओषध रूप काम में लाने के योग्य बनाना। ७. ठीक या दुरुस्त करना। ८. ऋण या देन चुकाना। ९. मैथुन या संभोग करके।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधवाना  : स०=शोधवाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधस  : पुं० [सं० स०+उद] १. जलाशय, ताल आदि। २. किनारे पर का जल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधाना  : स० [हिं० सोधना का प्रे० रूप] सोधने का काम दूसरे से कराना। किसी को सोधने में प्रवत्त करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधी  : स्त्री० [सं० शुद्ध या शुद्धि या हिं०सुध का पुराना रूप] १. शुद्ध करने की क्रिया या भाव। शोधना। शुद्धि। उदा०–दादू सोधी नाहिं सरीर की कहै अगम की बात।–दादूदयाल. २. परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान। केवल ज्ञान। उदा०–सतगुरु थैं सोधी भई, तब पाया हरि का खोज।–दादूदयाल। ३. याद। स्मृति। ४. ईश्वर या भगवान का ध्यान या स्मरण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सोधन्वा (न्वन्)  : पुं० [सं०] १. सुधन्वा के पुत्र, ऋभु। २. एक प्राचीन वर्ण—संकर जाति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ