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स्याद्वाद  : पुं० [सं०] १. जैन दर्शन जिसमें नित्यता, अनित्यता,सत्व असत्व आदि में से किसी एक को निश्चित न मानकर कहा जाता है कि स्याद् यही हो,स्याद वही हो। इसे अनेकान्तवाद भी कहते हैं। २. उक्त के आधार पर जैन धर्म का दूसरा नाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
स्याद्वादी  : वि० [सं०] स्याद्वाद-संबंधी। स्याद्वाद का। पुं० स्याद्वाद मत का अनुयायी,पोषक या समर्थक, अर्थात् जैन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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